फेफड़ों को प्रदूषण के बुरे प्रभाव से बचाती हैं ये ब्रीथिंग एक्सरसाइज

फेफड़ों को प्रदूषण के बुरे प्रभाव से बचाती हैं ये ब्रीथिंग एक्सरसाइज

सेहतराग टीम

आज के समय वायु प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ रहा है। देश के कई राज्यों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर है। वहीं दिल्ली-एनसीआर में तो प्रदूषण हमेशा बढ़ा हुआ रहता है। आंकड़ों के मुताबिक हर साल प्रदूषण के कारण कई मौतें भी होती हैं। वायु प्रदूषण के कारण लोगों की सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। वायु प्रदूषण के कारण लोग कई बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। जैसे-  फेफड़ों की समस्या, सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा, आंखों मे जलन, खांसी, गले में सूजन, सिरदर्द जैसी समस्या सामने आ रही है। ऐसे कुछ कमाल की ब्रीदिंग एक्सरसाइज हैं जो आपको खराब वायु प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए काफी मदद कर सकती हैं। आइए जानते हैं इन ब्रीदिंग एक्सरसाइज के बारे में...

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कपालभाति प्राणायाम

वायु प्रदूषण के प्रभाव को शरीर से कम करने के लिए कपालभाति प्राणायाम करना फायदेमंद होता है क्योंकि इस प्राणायाम को करने से शरीर की सफाई होती है।

कपालभाति प्राणायाम से मिलने वाले फायदे

  • इस प्राणायाम को करने से शरीर में ऊर्जा आती है।
  • जिन लोगों को नींद ना आने की समस्या रहती है इनके लिए कपालभाति प्राणायाम करना लाभकारी होता है।
  • कपालभाति प्राणायाम करने से खून साफ होता है।
  • शरीर में ऑक्सीजन को बढ़ाने में मदद करता है कपालभाति प्राणायाम।

कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका

  • सबसे पहले आसन पर बैठ जाएं।
  • कमर को सीधा रखें और ज्ञान की मुद्रा में बैठें।
  • पहले गहरा सांस लें और सांस छोड़ते समय पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ लें और फिर तेज-तेज जल्दी -जल्दी सांस लें और छोड़ें।

कपालभाति प्राणायाम करते समय इन बातों का ध्यान रखें

  • जो महिलाएं प्रेगनेंट हैं या किसी को पीरियड्स चल रहे हैं तो उनको कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
  • किसी को पेट दर्द की समस्या, पेट में गैस बन रही हो तो ऐसे में कपालभाति प्राणायाम नुकसानदय साबित हो सकता है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम से करें वायु प्रदूषण का प्रभाव कम

अनुलोम-विलोम प्राणायाम का मुख्य प्रकार नाड़ी को शुध्द करना होता है। इस प्राणायाम में दाई और बाई नाक से सांस लेना और छोड़ना होता है। जो नाडियों को शुध्द करके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। हर रोज इसे आप अपने योग अभ्यास में कर सकते हैं जो वायु प्रदूषण के प्रभाव को भी कम करने में आपकी मदद कर सकता है। इस अभ्यास को करने से शरीर का खून भी साफ होता है।

इसके कुछ अन्य फायदे भी जानतें हैं।

  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम रेसपिरेटरी सिसटम को मजबूत करने में मदद करता है।
  • शरीर के तापमान को नियमित रखने में लाभकारी।
  • जिन लोगों को सोते समय खर्राटे लेने सी समस्या होती है उनके लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम करना लाभकारी होता है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने का तरीका

  • इस प्राणायाम को करने के लिए आसन पर बैठ जाएं।
  • अपने बाये हाथ के अंगूठे से बाये नाक को बंद करें।
  • अब दाहिनी नाक से सांस खिचें और फिर बाये नाक से सांस छोड़ें, इसी तरह से इस क्रम को करना है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम करते समय इन बातों का ध्यान रखें

  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कभी खाली पेट नहीं करना चाहिए।
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम करते समय सांस उतने समय के लिए ही रोकें जितना आप कर सकते हैं, ज्यादा देर सांस रोकने की जरुरत नहीं।
  • जिन लोगों को दिल की समस्या हो उन्हें अनुलोम-विलोम प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
  • अगर किसी को अस्थमा की बीमारी है वह लोग अनुलोम-विलोम प्राणायाम ना करें।

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